Monday, February 9, 2015

आम आदमी पार्टी को बहुमत या मुफ्तमत

जब आम आदमी पार्टी ने राजनीति में शुरुआत की तो सभी को चौंका दिया था कि अभी कल की आई पार्टी दिल्ली में कैसे 28 सीटों पर अपना कब्ज़ा जमा सकती है , यह कांग्रेस विरोधी लहर का एक नमूना था और इसके बाद लोकसभा चुनावों में भी आम आदमी पार्टी ने 4 सीटों के साथ अच्छी शुरुआत की |
यह दिल्ली विधानसभा 2015 का चुनाव था और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की एक सफल सरकार चल रही थी और दिल्ली छोड़कर और सभी जगहों पर सबको अनुमान था कि जिस प्रकार लोकसभा और उसके बाद कई राज्यों में विधानसभा चुनावों में मोदी लहर का फायदा मिला था वो इस बार भी मिलेगा और दिल्ली चुनाव में भाजपा की भारी मतों से जीत अगर नहीं भी होगी तो जीत तो होगी ही, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और दिल्ली लोकल जीत गयी |
आम आदमी पार्टी के काम करने के तरीके पर विचार करें तो यह पार्टी एक आन्दोलन के दत्तक पुत्र के रूप में देश को परोसी गयी, जिस प्रकार से मुलायम सिंह यादव, लालू यादव, शायद यादव, राम विलास पासवान जैसे नेता जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन की उपज थे | और कालांतर में इनकी पार्टियाँ लोगों को विकास के रास्ते पर ले जाने और जनता को मजबूत करने के बजाय उसे अपने ऊपर आश्रित करने और मुफ्तखोर बनाने का प्रयास किया है | आम आदमी पार्टी ने यह सीख भलीभांति इन क्षेत्रीय दलों से ली कि अगर चुनाव जीतना है तो लोगों को मुफ्त बांटने और मुफ्त सामानों के वादे करो क्योंकि हर व्यक्ति अपने फायदे के लिए वोट देता है न कि देश के लिए | 
पूरे देश से आये आयकर का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ दिल्ली और मुंबई में खर्च हो जाता है, हालांकि मुंबई सबसे ज्यादा आयकर देने वाला शहर भी है | क्या दिल्ली के लोगों ने पूरे देश से आ रहे धन और स्नेह का यह सही सिला दिया है आम आदमी पार्टी को जिताकर यह तो अभी बाद में ही पता चलेगा लेकिन इतना तो जरुर होगा कि आम आदमी पार्टी आगे चलकर अपने 70 के 70 वादों के पूरा न होने पर केंद्र को घेरने का प्रयास करेगी कि वो हमें समर्थन नहीं दे रहे हैं, वैसे वादे तो अपने दम पर ही किये जाने चाहिए किसी के भरोसे नहीं |
दिल्ली की जनता ने दिल्ली को एक बहुमत की सरकार दी यह एक अच्छी बात है लेकिन सिर्फ मुफ्त के लिए, सिर्फ 200 लीटर मुफ्त पानी और चिल्लर यूनिट बिजली अगर दिल्ली जैसी पढ़ी लिखी जनता को बहका सकती है तो अगर देश का वोट 100 रुपये में बिकता हो तो गलत क्या है ??
जब देश की राजधानी के लोग ही मुफ्त की चीजों में विश्वास रखते हों तो उत्तर प्रदेश अगर फ्री लैपटॉप और बेरोजगारी भत्ता के लिए वोट देता है तो गलत क्या है ??
आम आदमी पार्टी को बहुमत के लिए साधुवाद और उम्मीद करते हैं कि आम आदमी पार्टी जनता के लिए काम करेगी न कि धरने के लिए |

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