मिसेज शर्मा से पिछले माह के छह सौ साठ रुपये लेकर अपनी सफलता पर फूली नहीं समा रही रीता। थोडी सी होशियारी से हर माह इतने रुपये कमा रही है। शुद्ध दूध पाने की कीमत पर मिसेज शर्मा भी रीता का राज छिपाकर खुश है। लेकिन आज जैसे ही रीता रुपये रखने लगी उसके बारह वर्षीय पुत्र अजय ने उसे जैसे रंगे हाथों पकड लिया। पापा को बताऊंग! कहकर राहुल भागने लगा तो एक सौ का नोट रीता ने अजय के हाथ में पकडा दिया।
इस घटना के पाच साल बाद एक दिन रीता ने अजय को पापा की जेब से सौ का नोट निकालते देखा तो वह अवाक् रह गई।- आज आने दे अपने पापा को । की धमकी पर भी अजय निडर खडा रहा तो रीता की बेचैनी बढने लगी।
मम्मी, भूल गई क्या आप? पिछले पाच सालों में पापा से छिपाकर आपने कितना दूध अपने पडोसियों को बेचा है? अब आपको भी तो मेरी गलत आदतों पर परदा डालकर उस दूध का कर्ज चुकाना ही पडेगा.. ।
Aapko kaisa laga jarur post karein
ReplyDeleteसीख लेने योग्य अनुभव. शुभागमन...!
ReplyDeleteहिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसके दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । शुभकामनाओं सहित...
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