आज दिल्ली में श्री सत्य साईं सभागार, दिल्ली में डॉ. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी जी के बलिदान दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में देश के वरिष्ठतम नेता श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी को प्रत्यक्ष सुनने का अवसर प्राप्त हुआ| आडवाणी जी के मंच पर पहुँचने से लेकर अपना स्थान ग्रहण करना और दीप प्रज्जवलन से लेकर डायस पर जाने तक को देखने से कोई भी समझ सकता है कि हम किसी बड़े देश के बड़े नेता के क्रियाकलापों को देख रहे हैं| अडवाणी जी ने अपने युवावस्था के कई संस्मरणों को बिलकुल उसी भांति बताने कि कोशिश कि जैसे किसी समान्य परिवार का बुजुर्ग अपने परिवार की नयी पीढ़ी को पुराणी बातें बताता है| भाव ऐसा मानों हम सब भी उन सब घटनाओं को महसूस कर सकते हों| अडवाणी जी को सुनना किसी संत वाणी से कम नहीं रहा| अडवानी जी के व्यक्तित्व में एक अलग तेज दिख रहा था जो सामान्यतः मैंने किसी नेता में नहीं देखा है| मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी जितनी सौभाग्यशाली पार्टी और कोई नहीं होगी जिसके पास इतने तेजस्वी व्यक्तित्व का अभिभावक हो|