Wednesday, September 7, 2011

दिल्ली में ३ महीने में दूसरा धमाका - कौन है जिम्मेदार


घायल को अस्पताल के अन्दर ले जाता स्वास्थ्यकर्मी

आज १०:१५ बजे सुबह दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर गेट नंबर ५ पर एक बड़ा धमाका हुआ जिसकी आवाज ५०० मीटर दूर इंडिया गेट से भी आगे तक सुनाई दिया. इस धमाके की वजह से 4X4 का गड्ढा हो गया और इसमें अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल होने की आशंका बताई जा रही है . इस विष्फोट में ४ किलो विष्फोटक इस्तेमाल होने की बात बताई गयी. इस दुर्घटना में ११ लोग अपनी जान गँवा बैठे और ५२ लोग घायल हुए.

अब बात आती है की इस घटना को अंजाम कैसे दिया गया. अन्ना हजारे जी के आन्दोलन से लेकर अभी तक दिल्ली पुलिस को यही लग रहा था की अन्ना जी से बड़ी बड़ी मुसीबत और क्या होगी? और दिल्ली पुलिस दिल्लीवासियों को अन्ना जी से बचाने के इंतज़ाम में ही लगी रही... और अभी थोडा आराम ही हो रहा था की ये पता नहीं आतंकी कहा से आ गए.... 

VIP लोगो के सुरक्षा के लिए तो Z , Y  और पता नहीं कौन कौन सी श्रेणियों की व्यवस्था होती रहती है... लेकिन आम आदमी की चिंता किसे है?

अभी अडवाणी जी ने अपने लोकसभा में दिए हुए व्यक्तव्य में कहा की ये दुर्घटना संसद के काफी नजदीक हुयी इसलिए यह दुखद है..... और चिदम्बरम जी ने कहा की वो कार्यवाही जरुर करेंगे और शाम बैठक भी बुलाएँगे... और ये पूरी तरह आतंकवादी हमला था.... मनमोहन जी ने कहा है कि हमें आज एक साथ खड़े होकर आतंकवाद के खिलाफ ये लड़ाई लड़नी होगी..

यह सोचने वाली बात है कि ११ सितम्बर २००१ की दुर्घटना के १० साल पुरे ही होने वाले हैं और ये घटना उपहार स्वरुप भारतवासियों को भेंट में मिल गयी.... आश्चर्य वाली बात है की जब गृह मंत्रालय ने २५ जुलाई को दिल्ली पुलिस को अलर्ट का नोटिस दिया था तो क्यों दिल्ली पुलिस की सुरक्षा नाकाम रही.... यहाँ तक की कोई CCTV  कैमरा भी वह मौजूद नहीं है...

अडवानी जी ने आज कहा की हमें सदन की कार्यवाही स्थगित कर देनी चहिये.... बड़ा दुःख हुआ हमें ये जानकार की एक ब्लास्ट से लोकतंत्र का मंदिर संसद भवन बंद हो सकता है... मैं ये कहता हु की आज तो समय है की अगर रात के १२ बजे तक भी चर्चा कर सकते हैं की कैसे देश की सुरक्षा और व्यवस्थित की जा सकती है..... अभी सरकार ने एलान भी किया है की सभी को ४ लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.... क्या यही काफी है.... की जब धमाके हो तो मुआवजा दे दिया जाय... आज हमें चाहिए की अपनी सुरक्षा एजेंसियों को और चुस्त बनाने की व्यवस्था होनी चाहिए.....

हे हमारी सरकार.... आम आदमी के बारे में थोड़ी चिंता कर लो.... हम आपके आभारी रहेंगे....

- भावेश कुमार पाण्डेय "विनय"

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